मसूरी : पर्यटन नगरी में कड़ाके की सर्दी के बाद भी लोगों में मतदान को लेकर उत्साह नजर आया। तथा सुबह से ही मतदान स्थलों पर मतदाताओं को आना जारी रहा। हालांकि कई मतदान स्थलों पर लोग आसानी से वोट देते नजर आये जबकि कई में लाइनें नजर आयी। और इसी के साथ ही प्रदेश के कबीना मंत्री व भाजपा प्रत्याशी गणेश जोशी, कांग्रेस प्रत्याशी गोदावरी थापली, सहित सभी सात प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम मशीन में कैद हो गई। जिसका पता आगामी 10 मार्च को मतगणना के बाद पता चल सकेगा कि जनता ने किस पर भरोसा किया है।
मतदान को लेकर प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम मतदेय स्थलों पर किए गये थे जहां मतदान करने वालों के लिए कोविड नियमों का पूरा पालन किया गया व मास्क, टेंपरेचर मशीन, गल्ब्स व सेनेटाइजर की व्यवस्था भी प्रत्येक बूथ पर की गई थी। मतदान केद्र पर मतदान करने वाले सभी लोगों का तापमान लिया जा रहा था व जिनके पास मास्क नहीं थे उनको सेनेटाइज करने के बाद मास्क दिए जा रहे है। वहीं सामाजिक दूरी का भी पूरी तरह पालन किया गया व मतदान केंद्र पर तैनात सुरक्षा बल के जवान मतदाताओं को दो गज की दूरी पर खड़े होने के लिए प्रयास करते रहे जिसका पालन भी किया गया। मतदाताओं में उत्साह इसी बात से पता चलता है कि बुजुर्ग मतदाता से लेकर व्हील चियर पर भी मतदाता अपने मत के अधिकार का प्रयोग करने बूथों पर आते देखे गये। मसूरी में आठ बजे प्रातः मतदान शुरू हुआ लेकिन सुबह कड़ाके की सर्दी के कारण अधिकतर बूथों पर मतदाता कम संख्या में आये लेकिन जैसे जैसे दिन निकलता गया व धूप आती रही तो मतदाता घरों से निकलता रहा व अपने बूथ पर मतदान करने गया। सुबह करीब 9 बजे तक 5.58 प्रतिशत, 11 बजे तक 18.46 प्रतिशत, 1 बजे तक 34.65, 3 बजे तक 47.57 प्रतिशत मत पड़ चुके थे।
मसूरी विधानसभा से सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं लेकिन सभी बूथो पर केवल भाजपा व कांग्रेस के ही बस्ते लगे नजर आये। जबकि अन्य किसी भी प्रत्याशी के बस्ते नहीं थे केवल दो स्थानों पर निर्दलीय प्रत्याशी मनीष गौनियाल के बस्ते दिखें बाकी स्थानों पर उनके बस्तों पर कोई नजर नहीं आया। वहीं कई बूथों पर स्कूल के छात्र छात्राएं बीमार व बुुजुर्ग मतदाताओं की सेवा करते नजर आये व वह ऐसे लोगों को पकड़ कर मतदान स्थल तक ले जा रहे थे व वापस उन्हें मतदान करने के बाद गंतव्य तक छोड रहे थे। छात्रों की इस सेवा भाव से कई लोग खासे प्रभावित दिखे। यहीं खूबी एक मजबूत लोकतंत्र के उत्सव की है।