खनन निदेशक एसएल पैट्रिक को कुछ लोगों ने गेस्ट हाउस में दो घंटे तक बंधक बनाए रखा। आरोपियों ने उनसे 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। नौ अप्रैल की इस घटना में पैट्रिक की ओर से अब कैंट थाने में ओमप्रकाश तिवारी नाम के व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप है तिवारी उनसे खनन पट्टों और स्टोन क्रशर में साझेदारी कराने को दबाव बना रहा था। जब उन्होंने दबाव नहीं माना तो उन्हें बंधक बना लिया। मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक एसएल पैट्रिक ने इस मामले में एसएसपी को शिकायत की है। पैट्रिक का कहना है कि कुछ दिन पहले सचिवालय में उनकी मुलाकात ओमप्रकाश तिवारी निवासी आदर्श विहार कारगी रोड से हुई थी। तिवारी ने खुद को एक अपर सचिव स्तर के अधिकारी का खास बताया था। वह खनन पट्टों और स्टोन क्रशर से संबंधित कार्य करना चाहता है। इसके लिए जब उसने पैट्रिक से बात की तो उन्होंने ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने की सलाह दी। वह पैट्रिक से मिलने का समय मांगने लगा। ज्यादा व्यस्त रहने के कारण वह मिलने का समय नहीं दे सके।
इसके बाद तिवारी ने फोन पर पैट्रिक से नौ अप्रैल को मिलने से लिए समय मांगा। पैट्रिक नौ अप्रैल को करीब सात बजे अपने घर पहुंच गए। करीब आठ बजे तिवारी ने उन्हें फोन किया और कहा कि वह घर के बाहर खड़ा है। पैट्रिक ने अंदर आने के लिए कहा तो उसने परिवार के सामने बात करने से इन्कार कर दिया और किसी रेस्टोरेंट में चलने के लिए कहा। तिवारी ने उन्हें अपनी कार में बैठा लिया। पैट्रिक ने अपने ड्राइवर को पीछे से आने के लिए कहा। तिवारी उन्हें रेस्टोरेंट में ले जाने के बजाय बल्लूपुर के पास शारदा गेस्ट हाउस में ले गया। यहां उसने प्रथम तल के कमरे में पैट्रिक को बैठा दिया। गेस्ट हाउस में उसके कुछ साथी भी मौजूद थे। आरोप है कि तिवारी ने पैट्रिक को शराब पीने को कहा। लेकिन, पैट्रिक ने मना कर दिया।
पैट्रिक ने पुलिस को बताया कि तिवारी गुस्सा हो गया और उसने खींचकर उन्हें बेड पर डाल दिया। इसके बाद दरवाजा बंद कर बाहर चला गया। उसने धमकाते हुए उनसे 50 लाख रुपये मांगा और न देने पर जान से मारने की धमकी दी। जबरदस्ती उनसे किसी पंजीकृत स्टोन क्रशर और खनन पट्टे में हिस्सेदारी कराने को कहा। आरोप है तिवारी ने उनके परिवार की जानकारी देते हुए उन्हें भी हानि पहुंचाने की धमकी दी।
ड्राइवर ने खोला दरवाजा
पैट्रिक के अनुसार करीब दो घंटे तक उन्हें वहीं बंधक बनाए रखा गया। लगभग 10 बजे उन्होंने अपने ड्राइवर को फोन किया और उसे अंदर बुलाया। इस पर तिवारी ने कहा कि उसे 30 गुर्गे बाहर खड़े हुए हैं कोई अंदर नहीं आ सकता है। तिवारी ने कहा कि उसने परिवार की पूरी रेकी की है। पैट्रिक ने पुलिस को बताया कि उनके ड्राइवर ने हिम्मत दिखाते हुए दरवाजा खोला और उन्हें जैसे-तैसे बाहर निकाला। पैट्रिक के अनुसार इस घटना के बाद वह बीमार हो गए और शिकायत करने का समय नहीं मिला। अब स्वस्थ होने के बाद उन्होंने शिकायत की है। एसएसपी के निर्देश पर कैंट थाने में आरोपी ओमप्रकाश तिवारी व उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।