निर्माण कार्य में आपत्ति न लगाने की एवज में ठेकेदार से एक लाख रुपये की रिश्वत ले रहे देहरादून में तैनात केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) सहायक अभियंता (एई) संदीप कुमार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। सीपीडब्लूडी की ओर से दून के सीमाद्वार स्थित आइटीबीपी में कराए जा रहे आवासीय कालोनी के निर्माण कार्य में आरोपित संदीप कुमार बार-बार आपत्ति लगाकर ठेकेदार को परेशान कर रहा था। आपत्ति न लगाने की एवज में आरोपित ने साढ़े पांच लाख रुपये की रिश्वत ठेकेदार से मांगी थी, जिसका एडवांस मंगलवार शाम दिया जा रहा था।
सीबीआइ ने विकासनगर में आरोपित को दबोचा
सीबीआइ ने आरोपित को उसके विकासनगर देहरादून स्थित आवास से दबोचा। आवास की तलाशी में सीबीआइ को 20.49 लाख रुपये नकद भी मिले। देहरादून के धर्मपुर निवासी ठेकेदार दीपक कुमार शर्मा ने 15 अप्रैल को सीबीआइ के पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में शिकायत दी थी। दीपक कुमार ने बताया कि उनकी मैसर्स अनिल दत्त शर्मा नाम से फर्म है और उनकी फर्म सीपीडब्ल्यूडी में क्लास-एक में पंजीकृत है। फर्म में उनका पुत्र वरुण वत्स, भतीजा राहुल वत्स और बड़े भाई अनिल दत्त शर्मा भी साझीदार हैं।
वर्तमान में उनकी फर्म की ओर से सीमाद्वार में आइटीबीपी के लिए आवासीय कालोनी का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसका ठेका सीपीडब्लूडी से मिला हुआ है। निर्माण कार्य की निगरानी सीपीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता संदीप कुमार कर रहे हैं।
निर्माण कार्य में अडंगा से हो रहा था वित्तीय नुकसान
शिकायत में आरोप था कि संदीप कुमार जानबूझकर बार-बार निर्माण कार्यों में आपत्ति लगा रहे हैं, जिससे उन्हें वित्तीय नुकसान हो रहा है। जब इस संबंध में संदीप कुमार से बात की गई तो उन्होंने साढ़े पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी। आरोपित ने रिश्वत की मांग फोन काल पर की, जिसकी रिकार्डिंग शिकायतकर्ता ने कर ली।
शिकायत पर सीबीआइ ने प्रारंभिक जांच के बाद मंगलवार शाम आरोपित को एडवांस के एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। सहायक अभियंता के विरुद्ध सीबीआइ ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है, बुधवार को उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा।