वैसे तो भाजपा की कार्यसमिति की बैठक राजनीतिक प्रस्तावों और कार्यक्रमों की समीक्षा के साथ आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा के लिए थी, लेकिन सीएम पुष्कर सिंह धामी इशारों-इशारों में बहुत कुछ सीख दे गए। खुद को मुख्य सेवक बताते हुए सीएम ने जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों से लेकर वरिष्ठ नेताओं से कहा, सब कुछ भाग्य से मिलता है। भाग्य में होने पर कोई बदल नहीं सकता। जिसके भाग्य में लकीरें होती हैं, कोई माईका लाल छीन नहीं सकता। इसके साथ ही उन्होंने आपस में सभी से सामंजस्य बनाने की भी नसीहत दी।
चम्पावत उपचुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद धामी का चेहरा आत्मविश्वास से भरा नजर आया। वह बुधवार को रामपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यसमिति के अंतिम सत्र में 50 मिनट तक खुलकर बोले। उन्होंने खटीमा से खुद की हार का जिक्र सीधे नहीं किया, लेकिन इतना कहा, हार जाओ जिंदगी में सबकुछ, फिर भी जीत की उम्मीद जिंदा रखो। जब उन्होंने यह कहा तो कई नेता धामी जिंदाबाद के नारे लगने लगे। सीएम ने आगे कहा, हमारा ऐसा परिवार है, जहां हम एक-दूसरे से सुख-दुख बांट सकते हैं। अगर हम आपस में एक दिन भी बात न करें तो हमें उदास लगना चाहिए।
सीएम ने इस इस बात के जरिये आपसी सामंजस्य पर जोर दिया। एकजुट होने के लिए प्रेरित किया। साथ मिलकर लक्ष्य हासिल करने की अपील भी की। इसके अतिरिक्त सीएम ने जरूरत से ज्यादा महत्वाकांक्षा रखने वालों के लिए भी नसीहत देते हुए कहा, हर किसी का काम बोलता है। खुद बोलने से कुछ नहीं होगा। हर स्तर पर मानिटरिंग होते रहती है। अब शार्टकर्ट का जमाना नहीं है। लक्ष्य हासिल करने में परेशानियां तो आएंगी ही। सीएम का यह संदेश ऐसे समय में अधिक महत्वपूर्ण है कि जब कैबिनेट में दो और मंत्रियों के अलावा दायित्यधारी बनाए जाने हैं।