मसूरी। नगर पालिका परिषद के पटरी व्यापारियां की जांच तक पटरी न लगाये जाने के आदेश का उलंघन कर पटरी व्यापारियों ने पटरी लगानी शुरू कर दी। पटरी व्यापारियों का कहना है कि तीन माह तक बिना रोजगार के पालिका के पटरी व्यापारियों के चिन्हीकरण की प्रतीक्षा करते रहे लेकिन पालिका ने अभी तक चिन्हीकरण नहीं किया, जिससे उनके परिवार भूखे मरने के कगार पर आ गये।
पालिका के विरोध के बावजूद पटरी लगाने पर पटरी व्यवसायी संगीता सेमवाल का कहना है कि वह पिछले 15 वर्षों से पटरी लगाती है व विगत तीन माह से पालिका के चिन्हीकरण करने की बात कहने पर पटरी नहीं लगायी, लेकिन अब बर्दास्त से बाहर बात होने पर पटरी लगायी, पालिका की टीम आयी कि दुकान हटाओ लेकिन हमने विरोध किया व पटरी नहीं हटायी। उन्होंने कहाकि परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच जाने पर मजबूर होकर पटरी लगानी पड़ी, जब भी पालिकाध्यक्ष से बात करो तो वह डांट लगाती है, वहीं चुनाव के समय तो घर घर आते थे लेकिन अब सुनवाई नहीं हो रही, अब त्योहार का सीजन आ गया है जिस पर हर हाल में दुकान लगायेंगे, पटरी व्यापारी शिवम कुमार ने कहा कि तीन माह पहले हमें बिना आदेश के हटा दिया गया था व व्यवस्थित करने को कहा गया था लेकिन अब 15 दिन का समय मांगा जा रहा है, पालिका की टीम आयी जिनके पास कोई लिखित आदेश नहीं है, तो किस बेस पर हटाया जा रहा है। इस मौके पर पालिका सभासद गीता कुमाई ने कहा कि पटरी व्यापारियों से नासवी संस्था के साथ समिति बनायी थी जिसमें वह संरक्षक है। उन्होंने कहा ि कवह पटरी वालों के साथ खडी हैं, धारा 12 कें अतर्गत बिना नोटिस दिए या पुनर्वास किए हटा नहीं सकते, लेकिन तीन माह बाद भी दुकाने नहीं लगाने की गयी, वेडिग जोन नहीं बना पाये। पहले चरण में चालीस को देंगे तो तीन माह में चिन्हीकरण नहीं किया, जरूरतमंद की परिभाषा, मानक क्या है वहीं पालिका ने टीवीसी कमेटी का गठन किया, अगर मालरोड पर पटरी लगाने की अनुमति नहीं है लेकिन केवल एक क्षेत्र दिया जायेगा, लेकिन वह भीड़भाड वाले क्षेत्र में बनाने का निर्णय लिया गया है, उन्होंने टीवीसी कमेटी को अवैध बताया व कहा कि पालिका सभासद होने पर वह नहीं चाहती कि मसूरी का माहौल खराब हो, बडो की बात सभी करते है लेकिन छोटों की बात कौन करेगा। जो गलत है, एक परिवार के एक को दुकान दे उसका पूरा समर्थन करते है लेकिन पटरी लगनी चाहिए ताकि उनके परिवार को भरण पोषण हो सके। मनमानी नहीं चलने दी जायेगी। इस मौके पर पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि तीन महीने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया, वेडर जोन कहां बन रहा है, यह पता नहीं। उन्होंने कहा कि पटरी वालों की कहीं न कहीं व्यवस्था करनी पडेगी जो भाजपा वाले कहेंगे वह होगा तो गलत है, लेकिन उनकी बात को सुनना होगा, जो वेंडर जोन बनाया जा रहा है अगर कोई कोर्ट चला गया तो पालिका के पैसे का दुरूपयोग होगा। आपदा के बाद पूरी तरह व्यापार प्रभावित हुआ है, व पहले ही भुखमरी के कगार पर है, चालीस ही बिठायें पर बिठाये तो सही, लिस्ट जारी करनी होगी। इस संबंध में पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी ने कहा कि पटरी वालों के साथ बैठक की गयी व 15 दिन का समय मांगा था ताकि दुकाने बनायी जा सके, लेकिन इन्होंने इसे राजनैतिक मुददा बना दिया, जिससे इनका अहित होगा, उन्होंने कहा कि इसमें कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेकने का कार्य कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि जो लोग आज उनके पक्षकार बन रहे है वह पहले बोर्ड में रह चुके है उन्होंने पटरी वालों की स्थाई व्यवस्था क्यों नहीं की व कुछ वर्तमान में भी पालिका में हैं।
