आत्मविश्वास से भरे सीएम धामी के बजट में दिखेगा युवा जोश, किसानों और कमजोर वर्ग सहित इनको सहारा देने की तैयारी

उत्तराखंड देहरादून/मसूरी राजनीति

चम्पावत उपचुनाव में बड़े अंतर से अर्जित जीत के बाद आत्मविश्वास से भरे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पहले बजट में युवा उत्तराखंड को लेकर नई उम्मीदें दिखाई पड़ेंगी। केंद्र से इतर अवस्थापना विकास की नई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को बजट में जगह मिल सकती है। किसानों, बागवानों, कारोबारियों के साथ ही महिलाओं, युवाओं, पूर्व सैनिकों व कमजोर वर्गों को बजट में सहारा देने की तैयारी है।
धामी सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक बजट मंगलवार को विधानसभा में प्रस्तुत करेगी। यद्यपि सरकार बीते मार्च माह में चार महीने के लिए 21,116.81 करोड़ की धनराशि का लेखानुदान ला चुकी है। नया बजट 63 हजार करोड़ से अधिक होगा। बजट के केंद्र में आम आदमी को रखने की तैयारी है।

बीते दो वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा:
मुख्यमंत्री धामी इसके संकेत पहले ही दे चुके हैं। बजट की तैयारी के लिए सरकार ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में बजट निर्माण को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों, आर्थिक, सामाजिक और विषय विशेषज्ञों से सुझाव लिए थे। कोरोना महामारी के चलते बीते दो वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है।
बजट का समुचित उपयोग नहीं हो सका है। धामी सरकार गांवों और शहरों के लिए विकास योजनाओं के माध्यम से नई आशा बंधाने की कोशिश कर रही है। हर घर को नल, आवासहीन को छत, वंचित क्षेत्रों को पेयजल योजनाओं से जोडऩे पर बजट में विशेष ध्यान दिया जा सकता है। यद्यपि केंद्रीय योजनाओं पर राज्य के विकास का दारोमदार रहना है।

15वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के आधार पर राजस्व घाटा अनुदान, आपदा प्रबंधन और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए मिल रही धनराशि के उपयोग को लेकर इच्छाशक्ति दिखाई देगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन पर आगे कदम बढ़ाते हुए धामी सरकार युवाओं के सपनों को साकार करने और उत्तराखंड की पानी और जवानी का यहीं उपयोग करने के लिए बजट में पहल दिखाई दे सकती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पिछले कार्यकाल में स्वरोजगार को अभियान का रूप दिया था। सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती तेज करने के साथ ही कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी, लघु, मध्यम व सूक्ष्म उद्योगों समेत विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार को बजट में प्राथमिकता देने के संकेत हैं।

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