देहरादून : भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस का सैन्य प्रेम आडम्बर से कम नहीं है और उसकी कथित विजय सम्मान रैली भी उसी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस टुकड़े टुकड़े गैंग की अगुवाई करते हुए सर्जिकलस्ट्राइक में जाबांजो को ललकारते हुए सेना से सुबूत मांग रही थी आज उसे सेना का पराक्रम याद आ रहा है। बेहतर होता की पहले कांग्रेस देश की जनता से माफ़ी मांगती। दुश्मनो से जब भी सेना सीमा पर जूझती है तो कांग्रेस की ओर से दुश्मनो की भाषा में बात की जाती हैं और इसका असर सीधे सैनिको के मनोबल पर पड़ता है।
जनरल बिपिन रावत को सड़क का गुंडा बताना, फ़ील्ड मार्शल सैम बहादुर को राजकीय सम्मान न देना, सैनिकों के बलिदान को खून की दलाली बताना यह ही कांग्रेस की सैन्य-विरोधी मानसिकता दर्शाता है।
मीडिया प्रभारी चौहान ने कहा कि 16 दिसंबर 1971 की घटना के वक़्त विपक्ष ने तत्कालीन सरकार के फैसले को सराहा था,लेकिन आज कांग्रेस कभी सैनिको तो कभी सनातनियों की भावनाओं पर प्रहार करती हैं। कांग्रेस को अपने शीर्ष नेताओं का भी इस बारे में मार्गदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐन चुनाव से पहले देश भक्ति और सैनिको के गुणगान करने के लिए राजनीति से प्रेरित भीड़ से कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होने वाला,क्योंकि जनता उसके स्वार्थ और प्रोपेगेंडा को बेहतर ढंग से जानती है और उसके झांसे में नहीं आने वाली। राज्य का बहुमुखी विकास मोदी सरकार में ही संभव है और अब तक डबल इंजन की सरकार में यह देखने को भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में सत्ता में रहते कांग्रेस ने कभी उतराखंड के हित में कोई सोच नहीं दिखाई और हमेशा ही जन भावनाओं का अनादर किया। भ्रष्टाचार में लिप्त रही कांग्रेस को जनता पहले ही ख़ारिज कर चुकी है और जनता अभी भी उस अराजकता के दौर को भूली नहीं है।