मसूरी। सीडीओ अभिनव शाह ने सीएमओ डा. मनोज शर्मा की मौजूदगी में उप जिला चिकित्सालय का निरीक्षण शिकयते आने के बाद किया व अस्पताल से संबंधित गतिविधियों, कमियों व आवश्यकताओं की जानकारी ली। इस मौके पर सीडीओ अभिनव शाह ने कहा कि निरीक्षण की रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी जायेगी ताकि व्यवस्थाओं में सुधार हो सके।
अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद सीडीओ अभिनव शाह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अस्पताल में कम सिर्जेरियन हो रहे हैं इसकी शिकायतें आ रही थी जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि मसूरी जाकर जांच करें जिसकी रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को प्रेषित की जायेगी। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल उप जिलाचिकित्सालय बन गया है जिसकी बैठके डीएम की अध्यक्षता में होती हैं। जितनी भी जरूरत व बजट की मांग होती है उसे पूरा किया जाता है, अपकरण उपलब्ध कराये जाते है, यहां पर सारे उपकरण उपलब्ध है जिसमें अल्ट्रासाउंड के लिए रेडियोलाजिस्ट, एनेस्थेलाजिक है, जहां तक बजट की बात है वह मामला शासन में चल रहा है जिस पर शीर्घ निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने स्टाफ की कमी पर कहाकि इसमें टेंडर हो चुका है जिसके बाद लगभग 15 दिनों में नियुक्ति की जायेगी, उन्होने आईसीयू के बंद होने पर कहा कि डेडिकेटेड स्टाफ के लिए नियुक्ति की जा रही है, शासन को भेजा गया है सीएमओ भी साथ है। इस मौके पर सीएमओ डा. मनोज शर्मा ने कहा कि अस्पताल की शिकायतें आ रही थी कि यहां पर गर्भवती महिलाओं को रैफर किया जाता है, जिसकी जांच के संबंध में आये है व पूर्व में भी जांच की गयी थी। यहां आकर पता चला कि गायनो अवकाश पर है, वहीं अस्पताल के अभिलेख देखें जा रहे है जिसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जायेगी व जो भी जरूरत होगी उसे पूरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यहां पर चौबीस घंटे अस्पताल चल रहा है लेकिन जो डेडिकेटिड चिकित्सा अधिकारी न होने से परेशानी आ रही है, एमओ की पोस्ट यहां पर भरी जायेगी, यहां पर डा. खजान जो सीएमएस है वहीं अल्ट्रासाउंड व एनेस्थेसिस का भी कार्य देख रहे है जिससे कार्य सफर होता है ऐसे में एनेस्थेसिस की कमी को पूरा किया जायेगा, प्रयास किए जा रहे है लेकिन प्रक्रिया में समय लगता है विशेषज्ञ नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूकोड वीपी के तहत भी स्कीम चलाई है, उसके अंतर्गत भी प्रयास कर रहे है कि विशेषज्ञ मिले, पूरा प्रयास किया जा रहा है कि जो लोग दुर्गम से आते है उन्हें यहीं पर उपचार मिले, आईसीयू में एनेस्थेटिस्क के पास इर्चाज का कार्य भी देख रहे है इसके लिए डेडिकेटेड स्टाफ की जरूरत होती है, अगर कोई दुर्घटना घटे व उपचार नहीं मिल पाया तो उसकी जिम्मेदारी भी अस्पताल की होती है जिस कारण आईसीयू शुरू नहीं किया गया है, यहां पर एबुलेंस की सुविधा है व देहरादून नजदीक है तो रोगियों को भेजा जाता है जैसे ही रेडियोलाजिस्ट व स्टाफ मिल जायेगा तो यहां पर आईसीयू शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहाकि बच्चे के लिए भी एमबीएस भी संचालित है बल्ड सेंटर भी मौजूद है, जैसे जैसे स्टाफ मिलेगा सुविधाए बढायी जायेंगी। इस मौके पर सीएमएस डा. खजान सिंह चौहान, पूर्व सीएमएस डा. यतेंद्र सिंह, डा. आलोक जैन, प्रशासनिक अधिकारी डा. आशीष सवाय भी मौजूद रहे।
