छात्रों को व्यावसायिक जीवन में विदेशी भाषाओं के महत्व पर जानकारी दी।

उत्तराखंड देहरादून/मसूरी

 

मसूरी। समाजसेवी, शिक्षाविद व बहु भाषाविद धर्म सिंह फरस्वांण ने सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय लंढौर में आयोजित कार्यशाला में विद्यार्थियों को उनके व्यावसायिक जीवन में विभिन्न भाषाओं के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। कार्यशाला में यह बताया गया कि हिंदी, अंग्रेज़ी, फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश तथा आदि भाषाएँ किस प्रकार आगामी व्यावसायिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
उन्होंने कार्यशाला में कहा कि आज की युवा पीढ़ी में पुस्तकों के अध्ययन की रुचि दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है, जबकि पुस्तकों का हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। मोबाइल पर पढ़ने की अपेक्षा पुस्तकों से अध्ययन करना अधिक उपयोगी होता है, क्योंकि पुस्तकों से हमें व्यवस्थित, प्रमाणिक और शुद्ध ज्ञान प्राप्त होता है। इसके विपरीत मोबाइल पर उपलब्ध जानकारी की शुद्धता का हमें पूर्ण ज्ञान नहीं होता, जिससे हम कई बार गलत जानकारी भी सीख लेते हैं। मोबाइल के माध्यम से जानकारी खोजने में समय का दुरुपयोग होता है, क्योंकि आज के बच्चों को यह स्पष्ट नहीं होता कि उन्हें क्या ढूँढना है, कैसे ढूँढना है और कहाँ से ढूँढना है। इसी कारण आज की युवा पीढ़ी की शैक्षणिक गुणवत्ता में निरंतर कमी आती जा रही है, जो एक गंभीर और चिंतनीय विषय है। शिक्षाविद धर्म सिंह फरस्वाण ने इसके साथ ही हम विभिन्न संस्कृतियों को अपनाने के प्रयास में अपनी मूलभूत संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। हमारे आचार-संस्कारों में भी धीरे-धीरे कमी आती जा रही है, जिस पर आत्मचिंतन की अत्यंत आवश्यकता है।