मसूरी। हिम सुरभि म्युजियम के सभागार में डा. ओम प्रकाश दुग्गल चेरिटेबल सोसाइटी ने सलाहकार सांइस सिटी, पूर्व डीजी नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम भारत सरकार, पूर्व निदेशक नेहरू साइंस सेंटर मुंबई गंगा सिह रौतेला को उनकी उपलब्धियों पर सोसाइटी की ओर से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया। वहीं इस मौके पर मुंबई से आये छात्र छात्राओं को प्राकृति इत्र डिजाइन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें प्राकृतिक इत्र बनाने के बारे में सिखाया गया।
कार्यक्रम में डा, गंगा सिंह रौतेला को मुख्य अतिथि अल्पना पंत जोशी, राजीव गांधी कालेज मुबंई के प्रधानाचार्य डा. बीएन पांडे, आरके मारवाह व रमेश चमोली ने संयुक्त रूप में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया। वहीं डा. त्योति मारवाह, धनश्री पाटिल व ए राजालक्ष्मी लिखित बेरी व्हासपिर्स पुस्तक का लोकार्पण जीए रौतेला, अल्पना पंत, जोशी, व डा. बसुकिनाथ पांडे ने किया। हिम सुरभि म्युजियम में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सहायक महानिदेशक एम एंड सी अल्पना पंत शर्मा ने कहा कि यहां पर मुंबई से आये छात्र छात्राओं को प्राकृतिक फूलों से इत्र बनाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। जहां प्राकृतिक फुूलों ने बने इत्र के बारे में बताया जो मसूरी व मसूरी की प्राकृतिक संपदा को संरक्षित रखने के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रही है। वहीं वन विभाग के साथ भी कई प्रोजेक्ट कर रही है। उन्होंने इस मौके पर कहाकि मसूरी में इस बार बड़ा नुकसान हुआ है, इसके लिए मानव जनित कारण है, प्रकृति से छेडछाड, के कारण ही उत्तराख्ंाड व हिमालयी राज्यों में इस तरह की आपदाएं आ रही है इस पर रोक लगनी चाहिए वरन भविष्य में बड़ी त्रासदी देखने को मिलेगी। उन्होेने कहा कि इसके लिए सस्टनेबल पॉलिसी बनानी होगी व यूनाइटेड नेशन के लक्ष्य पर कार्य करना होगा। मसूरी वासियों को इस बारे में जागरूक होना पडेगा ताकि मसूरी की प्राकृतिक संुदरता बनी रहे व यहां के ईको सिस्टम को मेंटेंन रखना होगा। इस मौके पर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिलने पर गंगा सिंह रौतेला ने कहा कि डा. ओम प्रकाश दुग्गल चेरिटेबल सोसाइटी का आभार व्यक्त किया व कहा कि हिम सुरभि का आरोमा म्युजियम मुबंई से आये बच्चों को इत्र बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, यह एक्टिविटी बच्चों में प्रकृति के प्रति जागरूकर करने व यहां के प्राकृतिक संसाधनों से इत्र बनाने के लिए प्रोत्साहित होगे इससे बच्चों को नया अनुभव मिलेगा व उनमें इंटरेस्ट बढेगा जिससे ये छात्र आगे जाकर इस दिशा में इत्र उद्योग में अपना कैरियर बनायेंगे। अब समय आ गया है कि केवल नौकरी के भरोसे जीवन नहीं चल सकता, उन्हें अपने स्तर पर कार्य करना होगा, उन्हें जीवन में नया करने की सीख देनी चाहिए ताकि वे स्वयं का रोजगार पैदा कर रोजगार दे सके व अपने व्यवसाय को बढा सके। इस मौके पर हिम सुरभि की निदेशक डा. ज्योति मारवाह ने कहा कि हिम सुरभि का उददेश्य युवा पीढी को व्यवसाय से जोड़े ताकि वे स्वय का रोजगार कर सके। इसी दिशा में यह कार्यशाला रखी गयी है, उन्होंने बताया कि वर्तमान में इत्र का व्यवसाय का बड़ा बाजार है लेकिन आज जो बाजार में इत्र मिलता है वह कैमिकल से युक्त होता है जो नुकसान दे सकता है, लेकिन अगर यह प्राकृतिक संसाधनों से बनाया जाय, इत्र के अपने डिजाइन बनायें ताकि वे आर्गेनिक इत्र बना सके, इस बार मुबंई से आये बच्चों के लिए वर्कशाप रखी ये बच्चे मुबंई जाकर अपने विश्व विद्यालय में जाकर अन्य को भी सिखायेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में गंगा सिंह रौतेला को उनकी उपलब्धियों पर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया, उन्होंने अपने कार्यकाल मंे सांइस म्युजियम मुबंई, कोलकाता, जमशेदपुर में बनाया व अब देहरादून में साइंस म्युजियम बना रहे है जो बहुत बडा कार्य है। इत्र कार्यशाला में प्रशिक्षण लेने आयी मुबई राजीव गांधी कालेज ऑफ आर्ट एवं कामर्स वासी नवी मुबई की छात्रा लोबना दास ने कहा कि यहां आकर अच्छा लग रहा है, कालेज इंडस्ट्रीयल विजिट पर मसूरी आये है व यहां पर नेचुरल इत्र कैसे बनाया जाता है उसका प्रशिक्षण ले रहे हैं, इससे प्राकृतिक इत्र बनायेंगे व उसका उपयोग करेंगे। कार्यक्रम को राजीव गांधी कालेज ऑफ आर्ट एंड कामर्स के प्रधानाचार्य डा. बासुकिनाथ पांडे ने भी संबोधित किया। रिंकी कुमारी ने बेरी की रेसिपी की विस्तार से जानकारी दी। अंत में याचना शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर अंजलि, रमेश चमोली सहित बड़ी संख्या में अतिथि व प्रशिक्षणार्थी मौजुूद रहे।
