मसूरी। बालाहिसार स्थित बाबा बुल्लेशाह की मजार पर 37वां सालाना उर्स मनाया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में सर्वधर्म के श्रद्धालुआें ने बाबा की मजार पर चादर चढा कर परिवार की खुशहाली सुखसमृद्धि की कामना की। वहीं भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।
बाबा बुल्ले शाह की मजार पर साढे नौ बजे कव्वालों की मौजूदगी में सबसे पहले मजार समिति की ओर से चादर चढाई गयी व उसके बाद श्रद्धालुओं ने चादरें चढाई व खुशहाली की कामना की। इस मौके पर कव्वालों ने पूरे माहौल को अपनी कव्वाली से भक्तिमय बना दिया। इस मौके पर भंडारे का आयोजन किया गया था वहीं लोगों ने भी अपने स्तर पर प्रसाद वितरित किया। मजार समिति के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि बाबा बुल्ले शाह का सैतीसवा उर्स पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है जिसमें मसूरी व उसके आसपास के हर धर्म के लोगों सहित पौड़ी, राजस्थान व पंजाब से भी श्रद्धालु आये है। उन्होंने कहा कि बाबा बुल्ले शाह का बड़ा नाम है जहां लोग मन्नते मांगते है व उनकी मनोकमना पूरी होती है। जिस पर बाहर से भी श्रद्धालु आकर यहां पर प्रसाद वितरित किया। उन्होंने कहा कि बाबा के दर में हिंदू, सिख, ईसाई व मुस्लिम सभी आते है, बाबा का कहना है कि जो व्यक्ति स्वार्थ छोडता है, ईष्या छोडता है, चिंता छोडता है, भेदभाव व मनमुटाव छोडता है वही भगवान को पाता है, उसकी शक्ति अपार है। इस मौके पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि उर्स में हर धर्म के लोग आते हैं, जो समाज व देश के लिए संदेश है कि सभी एक है,व आपसी सदभाव रखना चाहिए। मंडी परिषद के पूर्व अध्यक्ष उपेंद्र थापली ने कहा कि वह मजार पर समय समय पर आते है यह सदभावना के प्रतीक है, व अपने परिवार की खुशहाली की कामना करता है हम भी सभी के सदभाव की कामना करने आये है, व जो माहौल खराब करते है उन्हें यहां आना चाहिए।हारूल अली ने कहाकि बाबा बुल्लेशाह को हम मानते है, इनके साथ अल्ला है, इरफान अहमद ने कहा कि बाबा को जिसको बुलावा था वहीं आता है हर कोई नहीं आ सकता। उन्होंने कहा कि यह देश की शान है, यह हमारे भारत में ही मिलेगा जहां हर धर्म के लोग इसे मानते हैं। इस मौके पर सुरेश गोयल, मंजूर अहमद, जगजीत कुकरेजा, सुनील गोयल, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।