अंतरसदनीय गुरु बानी प्रतियोगिता छात्र वर्ग में नलवाल व छात्रा वर्ग में नलवा ने बाजी मारी 

उत्तराखंड देहरादून/मसूरी

मसूरी। गुरु नानक फिफ्थ सेंटेनरी स्कूल में अंतरसदनीय वार्षिक गुरु वाणी गायन प्रतियोगिता हरवर्ष की भांति एमपी सिंह व जश्वीन कौर की देखरेख में आयोजित की गई। जिसमें छात्र व छात्राओं ने पूरे उत्साह से प्रतिभाग कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का आरम्भ करते हुए पंजाबी विभागाध्यक्ष स. हरप्रीत सिंह ने गुरुबानी का महत्त्व बताते हुए विद्यालय गुरुद्वारा में उपस्थित सभी अतिथियों, विद्यार्थियों तथा शिक्षकगणों को निर्णायक मंडल का परिचय देते हुए सभी निर्णायक गणों से अवगत करवाया। प्रतियोगिता निर्णायक की भूमिका धैर्य नागपाल, रुही पोपली तथा भाई अनुज सिंह ने निभाई। मंच का संचालन छात्रों की ओर से पुनीत पाल सिंह ने तथा छात्राओं की ओर से जैस्मिन कौर ने किया। सर्व प्रथम जपजी साहिब का पाठ किया गया।     प्रतियोगिता में विन्सेंट हिल के छात्रों ने एकल गायन से सेे शुरू हुआ जिसमें अटारी सदन से शुभकरमन मैं दीवाना भैइया अतितु, रणजीत सदन से सिमरप्रीत सिंह ने कोई जनु हरिईओ देवी जोरि, अजीत सदन से धैर्येश साही ने नानक नाम मिली ताँ जीवा, तथा नलवा सदन से अमृत पाल सिंह ने हौं वारी मुख फेरी पियारे गायन से किया। इसके पश्चात सोलो गायन की बागडोर छात्राओं ने सम्भाली व सर्वप्रथम रंजीत सदन कि शम्भवी ने हरि की जाति कोऊ नाहिं जानिए, नालवा सदन की लक्षिता सिंह ने तेरे गुण गावै, कहै बुझाई, अटारी सदन की एकाम्जोत ने हर हर चरण हिरदै उर धारे, तथा अंत में अजीत सदन की आरिका बंसल ने जा काऊ राम नाम लव लागी शब्द गायन किया। इसके उपरान्त ग्रुप शब्द का गायन किया गया जिसमें छात्रों में अटारी सदन, रणजीत सदन, अजीत सदन तथा अंत में नलवा सदन ने क्रमश:अपने अपने ग्रुप शबद का गायन किया।  छात्राओं की ओर से रणजीत सदन, नलवा सदन, अटारी सदन तथा अजीत सदन ने क्रमशः अपने अपने गायन प्रस्तुत किये। परिणाम घोषित करने से पहले विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल तिवारी ने निर्णायकों का अभिनन्दन करते हुए एक एक सरोपा तथा स्मृतिचिन्ह भेंट करके उनका धन्यवाद दिया।

विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए उनका उत्साह वर्धन किया। व कहा कि विद्यालय केवल ज्ञान का केंद्र नहीं होता वरन वह विद्यार्थियों के चरित्र, संस्कार तथा जीवन दर्शन का भी निर्माण कतरा है। जहाँ विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा, तनाव और मूल्यहीनता बढ़ रही है वहाँ गुरुवाणी जैसी आध्यात्मिक एवं नैतिक शिक्षाएं आवश्यक प्रतीत होती हैं। गुरबानी हमें सत्य ,करुणा, सहिष्णुता और सेवा जैसे गुणों की शिक्षा देती है। गुरुबानी हमें किसी धर्म, जाति या वर्ग तक ही सिमित नहीं है ये सबको समान दृष्टि से देखने तथा सबकी समान भलाई करने कि प्रेरणा देती है। विद्यालय का आदर्श वाक्य है सरबत दा भला गुरु बानी के शांति प्रदायक शब्द विद्यार्थियों के मानसिक तनाव को कम करके उन्हें आंतरिक स्थिरता प्रदान करते है। प्रधानाचार्य अनिल तिवारी ने परिणाम घोषित किया जिसमें छात्र वर्ग में प्रथम स्थान नलवाल सदन, द्वितीय स्थान पर अटारी सदन, तृतीय स्थान पर रणजीत सदन तथा चुर्थ स्थान अजीत सदन रहा। छात्राओं के वर्ग में प्रथम स्थान पर नलवा सदन, द्वितीय स्थान पर अजीत सदन, तृतीय स्थान पर रणजीत सदन तथा चतुर्थ स्थान पर अटारी सदन रहा। संगीत शिक्षक स, हरिंदर सिंह ने सभी छात्र वर्ग और छात्राओं के गायन में तबला की संगत करके गायन प्रतियोगिता में चार चाँद लगा दिए। इस अवसर पर विद्यालय के हेड मास्टर कुलदीप सिंह, प्रशासनिक अधिकारी सुनील बक्शी, सहित अतिथि व शिक्षक, शिक्षिकाएं मौजूद रही।