धनोल्टी/टिहरी – धनोल्टी विधानसभा से बंगसील देवलसारी के प्राचीन मंदिर में वैदिक मंत्रोंचरण के उपरांत भाद्रपद में पड़ने वाली भगवान कोनेश्वर महादेव की हरियाली डाली गई है, जिसमें बड़ी तादात में शिवभगत मौजूद रहे।
जौनपुर विकासखण्ड के अंतर्गत बंगसील देवलसारी स्थित भगवान कोनेश्वर महादेव के प्राचीन मंदिर में पौराणिक रीतिरिवाजों के तहत ग्राम पूजालडी निवासियों के आयोजन व शिव भक्तों की मौजूदगी में मंदिर के पुजारी विजय गौड़ ने भाद्र पद की हरियाली का श्रीगणेश किया है। बताया जाता है कि देवलसारी वह स्थान है जहाँ पर स्वंम त्रिलोकीनाथ ने साधु के भेष में आकर इस मनोरम जगह का चयन अपने निवास के लिए किया। ,तीनो ओर से ऊँचे शिखरों की गोद मे बसा देवलसारी की सीढ़ी नुमा खेतों व घने देवदार के बृक्षों के मध्य भगवान महादेव स्वंम विराजमान है। बंगसील देवलसारी का मंदिर एक मात्र वह स्थान है जहाँ आज भी त्रिलोकी नाथ मानव कल्याण के लिए धरा पर है, जबकि अन्यंत्र जगहों पर भगवान शंकर के हार रूपी नागों की पूजा अर्चना होती है, मंदिर के पुजारी विजय गौड़, आचार्य रामेश्वर प्रसाद कोठारी, शास्त्री जनार्धन प्रसाद कोठारी, सुरजमणि गौड़,रामप्रसाद गौड़ के मुताविक भगवान कोनेश्वर महादेव की हरियाली का आयोजन एक साल देवलसारी के पौराणिक मंदिर व एक साल बंगसील स्थित मंदिर में किया जाता है, उन्होंने बताया कि 27 अगस्त को रात्रि जागरण कालरात्रा जिसमे सम्पूर्ण रात्रि में पांडव नृत्य और लोक संस्क्रति की छटा देखने को मिलेगी वही 28 को हरियाली काटी जायेगी, जो भगवान त्रिलोकी नाथ के सभी भक्तों को प्रसाद स्वरूप आवंटित की जायेगी। उसी दिन भगवान की पालकी भक्तजनो को दर्शन हेतु निकाली जाएगी, जो चारों गांवो में नियमानुसार जाएगी, तदोपरान्त पालकी को देवलसारी मंदिर में अगले बैसाख माह तक रखा जायेगा।

Your article helped me a lot, is there any more related content? Thanks!
Do you mind if I quote a couple of your articles as long asI provide credit and sources back to your website?My blog site is in the very same niche as yours and my users would certainly benefit from some of the information you present here.Please let me know if this okay with you. Thanks!
Your article helped me a lot, is there any more related content? Thanks!